ब्लॉगर्स चौपाल 2
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होली
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गुलालों के गुबार में
रंगों की बौछार में
रंगों जैसे हम खिले
आओ हम सब गले मिलें
होली के त्यौहार में...
गीतों की बहार में
ठहाकों के अंबार में
खुशियों जैस...
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"दास्ताँ"
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* “दास्ताँ”*
*“मै खुद में अपनी इक पूरी दास्ताँ हूँ*
*थोड़ा सा पूरा और कुछ अधूरा सा अरमाँ हूँ*
*अपनी ग़ैरत के शीशे लिए फिरता हूँ*
*पत्थरों के शहरों ...
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चामर छंद'-मनखे
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मनखे के सुभाव
मोर तोर तोर मोर पोर पोर हे घुरे
मोर तोर तोर मोर के सुभाव हा चुरे
लोभ मोह लोक लाज छोड़ तान अड़े
खोर खोर के गली गली ल छेक तैं खड़े
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भोपाल में 'अंधा युग'
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धर्मवीर भारती की कालजयी कृति 'अंधा युग' का किसी नाट्य समूह द्वारा अरसे बाद
उठाया जाना और अपनी पहली ही प्रस्तुति को दर्शकों का हाउस फुल प्यार मिलना इस
मोब...
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What a Bliss!
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What a bliss it was
To be with the sparkling frame
Of your long lone days
When the tinted lips of sinking sun
Kept murmuring of its glorious journey...
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स्मृति प्रसंग
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ये कैसी सुबह थी
ये कैसी दुपहरी है
न किरणों में उजियारा है
न धूप में तपिश है
लगता है मेरे साथ सूरज भी उदास है।
दिन जब गुजर रहा है ऐसे
इस दिन की शाम...
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जागव रे (सरसी छंद)
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जागव रे जवान जागव रे, संगी मोर सियान।
धरती गोहार लगावत हे, देवव अबतो ध्यान।।
झन काँटव जंगल झाड़ी ला, धरती के श्रृंगार।
सबो जीव के हवय बसेरा, जिनगी के आधार...
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शकुंतला तरार
*कोंडानार से कोंडगांव तक*
कोंडागांव जिले का गठन – 1 जनवरी, 2012 को राजस्व जिला के रूप में हुआ | इसका भौगोलिक
क्षेत्रफल- 7768-907 है |...
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कविता: युद्ध करता है अनथक मेहनत
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देखो, सचमुच कितना
भव्य है युद्ध!
कितना तत्पर और
कितना कुशल!
अलस्सुबह वह
साइरनों को जगाता है और
एंबुलेंस भेज देता है
दूर-दराज़ तक,
हवा में उछाल ...
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फिर कोई
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फिर कहीं एक ख्वाब ने आवाज़ दी है
फिर कोई चेहरा उकर के आया है।
फिर कहीं खोया सा रहता हूँ किसी में
फिर कोई आवाज देने आया है।
फिर कहीं ग़ुम है मेरे दिल की धड...
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सेठ जी की वसीयत और 17 घोड़े (भारतीय लोककथा)
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किसी नगर में एक धनवान सेठ रहता था. उसके पास बेहिसाब दौलत थी लेकिन उसे सबसे
ज्यादा प्यार अपने अस्तबल के 17 घोड़ों से था. घोड़ों की देखरेख में कोई कोर-कसर
न रह...
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हेम के कुण्डलिया
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हर कतरा ये खून का, बने एक वरदान।
बार बार मैं रक्त का, दान करूँ भगवान।
दान करूँ भगवान, जान बचते अपनो का।
रहे सदा मुस्कान, किसी के जी सपनो का।
कहे ह...
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Kiski Diwali - किसानों की तो बिलकुल नहीं है
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योगेश मिश्रा
October 15, 2017
इक्कीसवीं सदी में भारत दुनिया का सबसे तेजी से विकसित होने वाला लोकतान्त्रिक
राष्ट्र है। प्राइसवाटरहाउसकूपर्स का मानना है क...
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CGPSC invites application for the post of Homeopathy Medical officer- 2017
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CGPSC invites application for the post of Homeopathy Medical officer under
Health and Family Welfare Department of Chhattisgarh government.
Eligible c...
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गीत चतुर्वेदी के नए संग्रह से कुछ कविताएँ
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इस साल पुस्तक मेले में एक बहु प्रतीक्षित कविता संग्रह भी आया. गीत चतुर्वेदी
का संग्रह 'न्यूनतम मैं'. गीत समकालीन कविता के ऐसे कवियों में हैं जिनकी हर
काव...
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कुछ भी कायम नहीं है, कुछ भी नहीं...
...और जो कायम है, बस एक मैं हूँ,
मैं जो पल पल बदलता रहता हूँ...
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Now in App vichar badalo duniya badalo
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http://play.google.com/store/apps/details?id=com.kingsgray.vbdb1
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Demand to Shift the Paradigm in Education System
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Schools, colleges and higher centers of learning are synonyms of the
industries to produce individuals with positive traits, - positive
interdependent and...
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चल मिटा ले फासले
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कुछ गलतफहमियाँ है, तेरे मेरे दरमियाँ,
चल मिटा लें फासले, कुछ गुफ़्तगू कर लें,
रूठी रहोगी, आखिर कब तलक,
मै इधर तड़पता हूँ, और तु उधर,
मेरी मौजूदगी को यूँ, नजर...
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#पल पल ये पल
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* पूर्वावलोकन *
आमतौर पर लोकप्रिय राजनेताओं, प्रसिद्ध साहित्यकारों ...
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Mrs. Narayani Singh receiving KVS National Incentive Award for State
Minister HRD
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बालिका सुरक्षा का संकल्प !
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जब देवों के राजा कहे जाने वाले इंद्र ने गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या के साथ
बलात्कार किया था तब भी यह समाज चुप था। शिला सी बन जाने की सज़ा अहिल्या को
ही मिली...
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अन्तागढ़ उप चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी भोजराज नाग को भारतीय
गणराज्य के चुनाव इतिहास में १००% वोटो से जीतने पर हार्दिक बधाई ।
रंजीत मिश्रा
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हेलमेट अनिवार्यता – सुरक्षा या वसूली...
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कल सुबह सुबह दुकान के लिए घर से निकलते ही थोड़ी दूर जाने के बाद पुलिस ने
मुझे पकड़ लिया... और कहा.. चालान बना इसका... मैंने पुलिस वाले से ये पूछा..
के सर.. ...
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मोदी क्यों जरुरी?
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*मोदी क्यों जरुरी?*
चुनाव की घोषणा हो चुकी है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर सुरु हो चूका है। हर
राजनेता अपने आप को पाक-साफ और दूसरों को अपराधी सिद्ध करने...
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बेबशी को बेकाशी दे गये ..
नये तजुर्बे वो अजनबी दे गये .
बोलने की मोहलत भी न दी उसने मुझे .
और सोचने को सारी जिन्दगी दे गये ..
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वो कमरा याद आता है
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मैं जब भी ज़िन्दगी की
चिलचिलाती धूप में तपकर
मै जब भी
दुसरों के और खुद के झूठ से थककर
मैं सबसे लड़ के खुद से हार के
जब भी उस इक कमरे में जाता था
वो हलके ...
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डेयरी और खेती में उषा ने लिखी कामयाबी की नई इबारत
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घर-परिवार तक सीमित रहने वाली उषा ने जब दो गायों के साथ दूध बेचने का व्यवसाय
शुरू किया तब उसने सोचा भी नहीं था कि एक दिन उसके डेयरी फॉर्म से साढ़े तीन
सौ ल...
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दक्षिणापथ 15- 30 april 2013
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*विकास की डगर, परिवर्तन की तैयारी* *-चुनावी यात्रा का दौर शुरू*- *दक्षिणापथ
डेस्क * परिवर्तन और विकास, दो अलग-अलग ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर राज्य के
मतदाताओं ...
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आशा ...
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रोशनी के द्वार ही सुहाने होते है
चौखट पे इसके, दूरियां कम हो जाती है
अंधकार असमंजस है
लक्ष्य की राह भी इसमें खो जाती है…
क्षण क्षण गलना मोम की तरह
विश्वासघात...
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बाँध-एक
नदी यहाँ से बँधेगी
उस पहाड़ तक
पानी ही पानी होगा
सिर्फ पानी
जो नदी के साथ-साथ हैं
अब नदी उनके साथ नहीं होगी
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शमशान के वो 60 मीनीट
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मै आज भी उस दीन को याद करता हु जब एक व्यक्ती ने आ के बताया की बीरजु गुजर
गया , उस समय मुझे एसा लगा जैसे इस दुनीया मे कई लोग पैदा हुए और फीर मर गये
उसी त...
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कारगिल विजय :: भारतीय सेना के अदम्य साहस, संकल्प और दृढ़ इच्छाशक्ति का
प्रतीक
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*26 जुलाई - कारगिल विजय की 13 वीं वर्षगांठ पर विशेष*
कारगिल युद्ध आजाद भारत के इतिहास में छद्म वेश में लड़ा जाने वाला पहला
सीमाई युद्ध था साथ ही यह एक ऐस...
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समय
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नहीं रुका है, नहीं रुकेगा,
सबको रोक बढ़ते रहा है
द्रोण, भीष्म, सिकंदर आया
सबको छोड़ अजेय रहा है.
सूर्य चन्द्र हो या तारे
उदय-अस्त के ये मारे,
इसके आगे नभ है ...
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जन संघर्ष और राजनीतिक पेंच - प्रभाकर चौबे
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*तीन* जून को बाबा रामदेव ने काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक दिन का अनशन
किया। इस बार बाबा रामदेव की जितनी अनदेखी हुई उतनी पहले नहीं हुई थी- जितना
प्रचार ...
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*Hum kitne hoobahu ek , humshakal se lagatein hain,*
*Kahin hamara naam aur imaan ek to nahi.*
*Hamari aadatein aur baatein kitni mail khati hain,*
*Kahin h...
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ये पोस्ट सवाल भी है और समस्या भी. (सुधीर तंबोली “आज़ाद”)
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*"हम किस डगर जा रहे है.."आन्दोलन अपनी जगह है.,धंधा अपनी जगह..नया वित्तीय
वर्ष शुरू हो गया.,शराब का ठेका नए - पुराने हाथो में ...
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केंद्रीय विद्यालय मे एडमिशन
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*मित्रो आज सुबह सुबह जब मैं अपनी खटिया से उतर कर गरम चाय की अभिलाशा को मन
मे लिए कमरे से बाहर निकाला तो हमारे आदरणीय तिवारी चाचा पहले ही मेरे घर पर
गरम ...
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देख रहा हु इन दिनों मेरे ख्वाब में वो आ नहीं आ रही है
आज भी नहीं आई अगर तो सोचता हु कल से ......
उस के घर सामने पहरेदार बिठा दू ....
आखिर जाती कहा है ...
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यमराज की दृष्टि
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एक बार यमराज की इच्छा हुई की पवित्र नगरी काशी के दर्शन किये जाये। वे
चित्रगुप्त के साथ काशी पहुचे। काशी के राजा ने सपरिवार उनकी सेवा सत्कार की।
उन्हें अपने...
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मेरी एक कविता"शहर गाथा -दो "
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* शहर गाथा -दो*
शहर बेहद व्यस्त
इस बार
रात की पकड़ से फिर गायब हो गया
मेरी थकान पर टिप्पणी किये बिना
मैं
रेलवे कुली के हाथ का
उ...
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